Listen to Kaun Kisiko Bandh Saka (From "Kaalia") by Mohd. Rafi

Kaun Kisiko Bandh Saka (From "Kaalia")

Mohd. Rafi

Bollywood

653 Shazams

Lyrics

कौन किसी को बाँध सका? हाँ, कौन किसी को बाँध सका? सय्याद तो एक दीवाना है तोड़ के पिंजरा एक ना एक दिन पंछी को उड़ जाना है कौन किसी को बाँध सका? सय्याद तो एक दीवाना है तोड़ के पिंजरा एक ना एक दिन पंछी को उड़ जाना है अंगड़ाई लेकर के जागी है नौजवानी अंगड़ाई लेकर के जागी है नौजवानी सपने नए हैं और ज़ंजीर है पुरानी पहरेदार फाँके से, बरसो राम धड़ाके से होशियार, भाई सब होशियार रात अँधेरी, रुत बरखा और ग़ाफ़िल सारा ज़माना है तोड़ के पिंजरा एक ना एक दिन पंछी को उड़ जाना है कौन किसी को बाँध सका? सय्याद तो एक दीवाना है तोड़ के पिंजरा एक ना एक दिन अरे, पंछी को उड़ जाना है खिड़की से रुकता है झोंका कहीं हवा का हिल जाएँ दीवारें, ऐसा करो धमाका खिड़की से रुकता है झोंका कहीं हवा का हिल जाएँ दीवारें, ऐसा करो धमाका बोले ढोल ताशे से, बरसो राम धड़ाके से होशियार, भाई सब होशियार देख के भी ना कोई देखे ऐसा कुछ रंग जमाना है तोड़ के पिंजरा एक ना एक दिन पंछी को उड़ जाना है कौन किसी को बाँध सका? सय्याद तो एक दीवाना है तोड़ के पिंजरा एक ना एक दिन पंछी को उड़ जाना है कह दो शिकारी से, फंदा लगा के देखे कह दो शिकारी से, फंदा लगा के देखे अब जिसमें हिम्मत हो, रस्ते में आ के देखे निकला शेर हाँके से बरसो राम धड़ाके से जाने वाले को जाना है और सीना तान के जाना है तोड़ के पिंजरा एक ना एक दिन पंछी को उड़ जाना है कौन किसी को बाँध सका? सय्याद तो एक दीवाना है तोड़ के पिंजरा एक ना एक दिन पंछी को उड़ जाना है (कौन किसी को बाँध सका?) (सय्याद तो एक दीवाना है...)
Writer(s): R. D. Burman, Majrooh Sultanpuri Lyrics powered by www.musixmatch.com
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