Lyrics

क्या टूटा है अंदर-अंदर?, क्यूँ चेहरा कुम्हलाया है? क्या टूटा है अंदर-अंदर?, क्यूँ चेहरा कुम्हलाया है? तन्हा-तन्हा रोने वालों, कौन तुम्हें याद आया है? क्या टूटा है अंदर-अंदर?, क्यूँ चेहरा कुम्हलाया है? तन्हा-तन्हा रोने वालों, कौन तुम्हें याद आया है? क्या टूटा है अंदर-अंदर?, क्यूँ चेहरा कुम्हलाया है? चुपके-चुपके सुलग रहे थे चुपके-चुपके सुलग रहे थे, याद में उनकी दीवाने चुपके-चुपके सुलग रहे थे, याद में उनकी दीवाने इक तारे ने टूट के यारों इक तारे ने टूट के यारों, क्या उनको समझाया है? क्या टूटा है अंदर-अंदर?, क्यूँ चेहरा कुम्हलाया है? तन्हा-तन्हा रोने वालों तन्हा-तन्हा रोने वालों, कौन तुम्हें याद आया है? क्या टूटा है अंदर-अंदर?, क्यूँ चेहरा कुम्हलाया है? रंग बरंगी इस महफ़िल में रंग बरंगी इस महफ़िल में, तुम क्यूँ इतने चुप-चुप हो? रंग बरंगी इस महफ़िल में, तुम क्यूँ इतने चुप-चुप हो? भूल भी जाओ पागल लोगों भूल भी जाओ पागल लोगों, क्या खोया क्या पाया है क्या टूटा है अंदर-अंदर?, क्यूँ चेहरा कुम्हलाया है? तन्हा-तन्हा रोने वालों तन्हा-तन्हा रोने वालों, कौन तुम्हें याद आया है? क्या टूटा है अंदर-अंदर?, क्यूँ चेहरा कुम्हलाया है? शेर कहाँ है, खून है दिल का शेर कहाँ है, खून है दिल का, जो लफ़्ज़ों में बिखरा है शेर कहाँ है, खून है दिल का, जो लफ़्ज़ों में बिखरा है दिल के ज़ख्म दिखा कर हमने दिल के ज़ख्म दिखा कर हमने, महफ़िल को गरमाया है क्या टूटा है अंदर-अंदर?, क्यूँ चेहरा कुम्हलाया है? तन्हा-तन्हा रोने वालों तन्हा-तन्हा रोने वालों, कौन तुम्हें याद आया है? क्या टूटा है अंदर-अंदर?, क्यूँ चेहरा कुम्हलाया है? अब 'शेहज़ाद' ये झूठ न बोलो अब 'शेहज़ाद' ये झूठ न बोलो, वो इतने बेदर्द नहीं अब 'शेहज़ाद' ये झूठ न बोलो वो इतना बेदर्द नहीं अपनी चाहत को हभी परखो अपनी चाहत को हभी परखो, ग़र इलज़ाम लगाया है क्या टूटा है अंदर-अंदर?, क्यूँ चेहरा कुम्हलाया है? तन्हा-तन्हा रोने वालों तन्हा-तन्हा रोने वालों, कौन तुम्हें याद आया है? क्या टूटा है अंदर-अंदर?, क्यूँ चेहरा कुम्हलाया है?
Writer(s): Farhat Shahzad, Altaf-e-haidar Lyrics powered by www.musixmatch.com
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