Lyrics

क्यूँ ऐ निगाह-ए-यार, तू मुझसे ख़फ़ा लगे? क्यूँ ऐ निगाह-ए-यार, तू मुझसे ख़फ़ा लगे? क्या हो गई ख़ता... क्या हो गई ख़ता, मुझे भी पता लगे क्यूँ ऐ निगाह-ए-यार, तू मुझसे ख़फ़ा लगे? नाराज़गी ये तेरी दिखावा नहीं कोई नाराज़गी ये तेरी दिखावा नहीं कोई दिखावा नहीं कोई ऐसा हुआ है कुछ तो कि जिसका बुरा लगे ऐसा हुआ है कुछ तो कि जिसका बुरा लगे क्या हो गई ख़ता... क्या हो गई ख़ता, मुझे भी पता लगे क्यूँ ऐ निगाह-ए-यार, तू मुझसे ख़फ़ा लगे? ये देखने से पहले नज़र छीन ले ख़ुदा ये देखने से पहले नज़र छीन ले ख़ुदा नज़र छीन ले ख़ुदा ऐसा ना हो, कभी तू मुझे बेवफ़ा लगे ऐसा ना हो, कभी तू मुझे बेवफ़ा लगे क्या हो गई ख़ता... क्या हो गई ख़ता, मुझे भी पता लगे क्यूँ ऐ निगाह-ए-यार, तू मुझसे ख़फ़ा लगे? आईने में यक़ीं के पड़ जाए जो दरार आईने में यक़ीं के पड़ जाए जो दरार पड़ जाए जो दरार साबूत भी रह गया तो टूटा हुआ लगे साबूत भी रह गया तो टूटा हुआ लगे क्या हो गई ख़ता... क्या हो गई ख़ता, मुझे भी पता लगे क्यूँ ऐ निगाह-ए-यार, तू मुझसे ख़फ़ा लगे? दिल में नहीं तमन्ना तेरे सिवा कोई दिल में नहीं तमन्ना तेरे सिवा कोई तेरे सिवा कोई सोचा भी हो कभी तो मुझे बद-दुआ लगे सोचा भी हो कभी तो मुझे बद-दुआ लगे क्या हो गई ख़ता... क्या हो गई ख़ता, मुझे भी पता लगे क्यूँ ऐ निगाह-ए-यार, तू मुझसे ख़फ़ा लगे? क्यूँ ऐ निगाह-ए-यार, तू मुझसे ख़फ़ा लगे?
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