Listen to Bus Ek Baar by Panther

Bus Ek Baar

Panther

Indian Pop

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Lyrics

हैं चेहरे पे तेरे शिकन हैं चेहरे पे मेरे फ़िकर हैं चेहरे पे तेरे झिझक हैं चेहरे पे मेरे शिकस्त हम कह रहे कि "थोड़ा समझ" वह कहते कि "होगा नहीं अब" हम बोले कि "बोलो ना, थोड़ा वो ज़ालिम थे" और बोला नहीं लब रूठता गया वो, और साथ में टूटता गया मैं समंदर था ग़म का छिपा मेरे अंदर, और उसी में डूबता गया मैं छीन लो सब कुछ भले ही, मुझे सुकून का पता दो ना-इंसाफ़ी हुई मेरे साथ है इश्क़ में, कोई कानून का पता दो फ़िरता इधर से उधर, रहता भटका सा मैं बिन तेरे तो अब है कटता समय आँसू इन आँखों में जलसा करे घर भी मुझे क्यूँ है घर ना लगे घर भी मुझे क्यूँ है घर ना लगे घर भी मुझे क्यूँ है घर ना लगे बस एक बार मेरी तरफ़ तो तू देखता बस एक बार आँखें ना मुझसे तू फेरता बस एक बार मेरी तरफ़ तो तू देखता बस एक बार आँखें ना मुझसे तू फेरता हम कहना तो चाहते हैं काफ़ी कुछ, पर तेरी बुराई नहीं होती लिखता हूँ ज़्यादा आजकल तेरे बारे, पर पढ़ाई नहीं होती बाहर से दिखते हैं ना जो ज़ख़म, उनकी दवाई नहीं होती लाखों कमाए, पर साथ में तू ना तो लगता कि मेरी कमाई नहीं होती काश, तू आई नहीं होती तो बैठा होता मैं सुकून से कहीं ना खोता मैं जीने का मक़्सद, और दिन के उजाले में रोशनी ढूँढते नहीं छाँव है नहीं, है धूप हर कहीं, रब देखे तमाशे ऊपर कहीं ख़ुशबू में तेरी हूँ रहता डूबा, जैसे गई हो मुझे तू छू कर अभी काश, तू आता ही ना तो ये गाना मैं फिर शायद गाता ही ना और काश, तू आया भी था तो छोड़ के मुझे यूँ जाता ही ना तू जाता ही ना, छोड़ के मुझे यूँ जाता ही ना पर शायद से तुझे तो जाना ही था, छोड़ के मुझे यूँ जाना ही था बस एक बार मेरी तरफ़ तो तू देखता बस एक बार आँखें ना मुझसे तू फेरता बस एक बार मेरी तरफ़ तो तू देखता बस एक बार आँखें ना मुझसे तू फेरता
Writer(s): Anubhav Shukla, Mtv Team Lyrics powered by www.musixmatch.com
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