Lyrics

ये मुमकिन तो नहीं जो दिल ने चाहा था वो मिल जाए कोई उम्मीद टूटे तो क्या करें ये मुमकिन तो नहीं जो दिल ने चाहा था वो मिल जाए कोई उम्मीद टूटे तो क्या करें जो देखे ख्वाब आंखो ने हकीकत वो ना बन पाएं जो किस्मत साथ ना दे तो क्या करें ये दिल जो रो रहा है तो कहीं से सब्र मिल जाए हुए जो बदगुमान हम तो क्या करें ये मुमकिन तो नहीं जो दिल ने चाहा था वो मिल जाए कोई उम्मीद टूटे तो क्या करें जो दिल के पास रहते हैं वो दिल क्यूं तोड़ जाते हैं वफ़ा के बदले क्यूं वो बेवफाई छोड़ जाते हैं कभी जो हमसफ़र थे वहीं अनजान लगते हैं मोहब्बत के वो रिश्ते भी तो बेजान लगते हैं खुशी के दर पे दस्तक दे रहे हैं ग़म मुसर्सल ही कहीं ना चैन पाएं तो क्या करें किसी से हमनवाई का सिला हमको ना मिल पाए हुए जो बदगुमान हम तो क्या करें ये मुमकिन तो नहीं जो दिल ने चाहा था वो मिल जाए कोई उम्मीद टूटे तो क्या करें किसी का साथ पाना भी कभी आसान नहीं होता किसी के दूर जाने से ये दिल वीरान नहीं होता वजह कुछ और भी मिल जाती है दुनिया में जीने की किसी की आस पे जीना भी तो आसान नहीं होता नसीबों में ही ना लिखा हो तो वो कैसे मिल जाए खुदा भी रुठ जाए तो क्या करें ये दिल जो रो रहा है तो कहीं से सब्र मिल जाए हुए जो बदगुमान हम तो क्या करें ये मुमकिन तो नहीं जो दिल ने चाहा था वो मिल जाए कोई उम्मीद टूटे तो क्या करें
Writer(s): Sahir Ali Bagga Lyrics powered by www.musixmatch.com
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