Lyrics

थोड़े भीगे-भीगे से थोड़े नम है हम कल से सोये-वोए भी तो कम है हम थोड़े भीगे-भीगे से थोड़े नम है हम कल से सोये-वोए भी तो कम है हम दिल ने कैसी हरक़त की है पहली बार मोहब्बत की है आखिरी बार मोहब्बत की है पहली बार मोहब्बत की है आखिरी बार मोहब्बत की है आँखें डूबी-डूबी सी सुरमई मद्धम झीलें पानी-पानी है बस तुम और हम हुं, बात बड़ी हैरत की है पहली बार मोहब्बत की है आखिरी बार मोहब्बत की है पहली बार मोहब्बत की है आखिरी बार मोहब्बत की है हुं, ख्वाब के बोझ से कंप-कंपाती हुई हलकी पलकें तेरी याद आता है सब तुझे गुदगुदाना सताना यूँ ही सोते हुए गाल पे टीपना मीचना बेवजह बेसबब याद है पीपल के जिसके घने साए थे हमनें गिलहरी के जूठे मटर खाए थे ये बरक़त उन हज़रत की है पहली बार मोहब्बत की है आखिरी बार मोहब्बत की है पहली बार मोहब्बत की है आखिरी बार मोहब्बत की है पहली बार मोहब्बत की है (हुं-हुं, हो-हो-हो-हो-हो) पहली बार मोहब्बत की है (हो-हो-हो-हो, हो-हो, हो-हो)
Writer(s): Gulzar Lyrics powered by www.musixmatch.com
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