Lyrics

कैसी ये देर लगाई है दुर्गे हे, मात मेरी, हे, मात मेरी कैसी ये देर लगाई है दुर्गे हे, मात मेरी, हे, मात मेरी कैसी ये देर लगाई है दुर्गे हे, मात मेरी, हे, मात मेरी कैसी ये देर लगाई है दुर्गे हे, मात मेरी, हे, मात मेरी भव सागर में गिरा पड़ा हूँ काम आदि गृह में घिरा पड़ा हूँ भव सागर में गिरा पड़ा हूँ काम आदि गृह में घिरा पड़ा हूँ मोह आदि जाल में जकड़ा पड़ा हूँ हे मात मेरी, हे मात मेरी कैसी ये देर लगाई है दुर्गे हे, मात मेरी, हे, मात मेरी ना मुझ में बल है, ना मुझ में विद्या ना मुझ में भक्ति, ना मुझ में शक्ति ना मुझ में बल है, ना मुझ में विद्या ना मुझ में भक्ति, ना मुझ में शक्ति शरण तुम्हारी गिरा पड़ा हूँ हे मात मेरी, हे मात मेरी कैसी ये देर लगाई है दुर्गे हे, मात मेरी, हे, मात मेरी ना कोई मेरा कुटुंब साथी ना ही मेरा शरीर साथी चरण कमल को नौका बना कर मैं पार हूँगा ख़ुशी मना कर यम दूतों को मार भगा कर हे मात मेरी, हे मात मेरी आप ही उभारो पकड़ के बाहें हे, मात मेरी, हे, मात मेरी सदा ही तेरे गुणों को गाऊं सदा ही तेरे स्वरुप ध्याऊँ सदा ही तेरे गुणों को गाऊं सदा ही तेरे स्वरुप ध्याऊँ नित प्रति तेरे गुणों को गाऊं हे मात मेरी, हे मात मेरी कैसी ये देर लगाई है दुर्गे हे, मात मेरी, हे, मात मेरी ना मैं किसी का, ना कोई मेरा छाया है चारो और अँधेरा ना मैं किसी का, ना कोई मेरा छाया है चारो और अँधेरा पकड़ के ज्योति दिखा दो रस्ता हे मात मेरी, हे मात मेरी कैसी ये देर लगाई है दुर्गे हे, मात मेरी, हे, मात मेरी शरण पड़े हैं हम तुम्हारी करो ये नैया पार हमारी शरण पड़े हैं हम तुम्हारी करो ये नैया पार हमारी कैसी ये देरी लगाई है दुर्गे हे, मात मेरी, हे, मात मेरी कैसी ये देर लगाई है दुर्गे हे, मात मेरी, हे, मात मेरी कैसी ये देर लगाई है दुर्गे हे, मात मेरी, हे, मात मेरी कैसी ये देर लगाई है दुर्गे हे, मात मेरी, हे, मात मेरी कैसी ये देर लगाई है दुर्गे हे, मात मेरी, हे, मात मेरी
Writer(s): Surinder Kohli, Balbir Nirdosh Lyrics powered by www.musixmatch.com
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