Credits
PERFORMING ARTISTS
Uvie
Performer
COMPOSITION & LYRICS
Vishal Khera
Songwriter
Lyrics
नमो नमो दुर्गे सुख करनी
नमो नमो अम्बे दुःख हरनी
निरंकार है ज्योति तुम्हारी
तिहूँ लोक फैली उजियारी
शशि ललाट मुख महाविशाला
नेत्र लाल भृकुटि विकराला
रूप मातु को अधिक सुहावे
दरश करत जन अति सुख पावे
तुम संसार शक्ति लय कीना
पालन हेतु अन्न धन दीना
अन्नपूर्णा हुई जग पाला
तुम ही आदि सुन्दरी बाला
प्रलयकाल सब नाशन हारी
तुम गौरी शिवशंकर प्यारी
शिव योगी तुम्हरे गुण गावें
ब्रह्मा विष्णु तुम्हें नित ध्यावें
रूप सरस्वती को तुम धारा
दे सुबुद्धि ऋषि-मुनिन उबारा
धरा रूप नरसिंह को अम्बा
प्रकट भईं फाड़कर खम्बा
रक्षा करि प्रहल्लाद बचायो
हिरणाकुश को स्वर्ग पठायो
लक्ष्मी रूप धरा जग माहीं
श्री नारायण अंग समाहीं
क्षीरसिन्धु में करत विलासा
दयासिन्धु दीजै मन आसा
हिंगलाज में तुम्हीं भवानी
महिमा अमित न जात बखानी
मातंगी अरु धूमावति माता
भुवनेश्वरी बगला सुख दाता
श्री भैरव तारा जग तारिणी
छिन्न भाल भव दुःख निवारिणी
केहरि वाहन सोह भवानी
लांगुर वीर चलत अगवानी
कर में खप्पर-खड्ग विराजै
जाको देख काल डर भाजे
सोहे अस्त्र और त्रिशूला
जाते उठत शत्रु हिय शूला
नगर कोटि में तुम्हीं विराजत
तिहुंलोक में डंका बाजत
शुम्भ निशुम्भ दानव तुम मारे
रक्तबीज शंखन संहारे
महिषासुर नृप अति अभिमानी
जेहि अध भार मही अकुलानी
रूप कराल कालिका धारा
सेन सहित तुम तिहि संहारा
परी गाढ़ सन्तन पर जब-जब
भई सहाय मातु तुम तब तब
अमरपुरी अरु वासव लोका
तब महिमा सब रहें अशोका
ज्वाला में है ज्योति तुम्हारी
तुम्हें सदा पूजें नर-नारी
प्रेम भक्ति से जो यश गावै
दुःख दारिद्र निकट नहिं आवें
ध्यावे तुम्हें जो नर मन लाई
जन्म-मरण ताकौ छुटि जाई
जोगी सुर मुनि कहत पुकारी
योग न हो बिन शक्ति तुम्हारी
शंकर अचरज तप कीनो
काम अरु क्रोध जीति सब लीनो
निसदिन ध्यान धरो शंकर को
काहु काल नहिं सुमिरो तुमको
शक्ति रूप को मरम न पायो
शक्ति गई तब मन पछितायो
शरणागत हुई कीर्ति बखानी
जय जय जय जगदम्बा भवानी
भई प्रसन्न आदि जगदम्बा
दई शक्ति नहिं कीन विलम्बा
मोको मातु कष्ट अति घेरो
तुम बिन कौन हरै दुःख मेरो
आशा तृष्णा निपट सतावे
मोह मदादिक सब विनशावै
शत्रु नाश कीजै महारानी
सुमिरौं इकचित तुम्हें भवानी
करो कृपा हे मातु दयाला
ऋद्धि-सिद्धि दे करहु निहाला
जब लगि जियउं दया फल पाऊं
तुम्हरो यश मैं सदा सुनाऊं
दुर्गा चालीसा जो कोई गावै
सब सुख भोग परमपद पावै
देवीदास शरण निज जानी
करहु कृपा जगदम्ब भवानी
देवीदास शरण निज जानी
करहु कृपा जगदम्ब भवानी
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