Lyrics

ना कह दो मैं हार मान लूँ मौन तुम्हारा सह देता है ना कह दो मैं हार मान लूँ मौन तुम्हारा सह देता है कितनी गहरी प्यार में चुभती कितनी गहरी प्यार में चुभती बिन खोले मुँह कह देता है ना कह दो मैं हार मान लूँ मौन तुम्हारा सह देता है बंद होंठ से हँस देती हो नागिन जैसी डँस लेती हो अंग-अंग पे नशा है तेरा आज नहीं दिल बस में मेरा बंद होंठ से हँस देती हो नागिन जैसी डँस लेती हो अंग-अंग पे नशा है तेरा आज नहीं दिल बस में मेरा चाहत भी, कुछ कर ना पाऊँ अब कैसे ना प्यार मान लूँ ना कह दो मैं हार मान लूँ मौन तुम्हारा सह देता है फ़लक उठे तो लंबी गिर के मानों मुक्त-ए-सर का पर्दा कहाँ चली हो नज़र झुका के? हौले-हौले दिल को चुरा के फ़लक उठे तो लंबी गिर के मानों मुक्त-ए-सर का पर्दा कहाँ चली हो नज़र झुका के? हौले-हौले दिल को चुरा के प्रेम, सुधा, रत हो आसूँ की कैसे ना मैं हार माँ लूँ ना कह दो मैं हार मान लूँ मौन तुम्हारा सह देता है ना कह दो मैं हार मान लूँ मौन तुम्हारा सह देता है कितनी गहरी प्यार में चुभती कितनी गहरी प्यार में चुभती बिन खोले मुँह कह देता है ना कह दो मैं हार मान लूँ मौन तुम्हारा सह देता है
Writer(s): Laxmi Vasant, H.n Singh Lyrics powered by www.musixmatch.com
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