Top Songs By Talat Aziz
Credits
PERFORMING ARTISTS
Talat Aziz
Performer
COMPOSITION & LYRICS
Rajesh Reddy
Composer
Ghalib
Songwriter
Lyrics
Mirza ने ज़िंदगी चाहे जैसे गुज़ारी हो
उसके आन-बान में कभी फ़र्क़ नहीं आने दिया
एक बार दिल्ली college में फ़ारसी की उस्तादी के लिए
Tomson ने उनका नाम लिया था
Mirza पालकी में सवार होकर पहुँचे
लेकिन जब Tomson उनके इस्तिक़बाल के लिए पालकी तक नहीं आया
तो वो ये कहकर वापस चले गए
"सरकार की मुलाज़मत का इरादा इसलिए किया था कि इज़्ज़त में इज़ाफ़ा हो
लेकिन यहाँ तो सूरत ही दूसरी है"
ये हम जो हिज्र में दीवार-ओ-दर को देखते हैं
ये हम जो हिज्र में दीवार-ओ-दर को देखते हैं
कभी सबा को, कभी नामा-बर को देखते हैं
कभी सबा को, कभी नामा-बर को देखते हैं
ये हम जो हिज्र में दीवार-ओ-दर को देखते हैं
नज़र लगे ना कहीं उसके दस्त-ओ-बाज़ू को
नज़र लगे ना कहीं उसके दस्त-ओ-बाज़ू को
नज़र लगे ना कहीं उसके दस्त-ओ-बाज़ू को
ये लोग क्यूँ मेरे ज़ख़्मी जिगर को देखते हैं?
ये लोग क्यूँ मेरे ज़ख़्मी जिगर को देखते हैं?
कभी सबा को, कभी नामा-बर को देखते हैं
ये हम जो हिज्र में दीवार-ओ-दर को देखते हैं
वो आए घर में हमारे, ख़ुदा की क़ुदरत है
वो आए घर में हमारे, ख़ुदा की क़ुदरत है
वो आए घर में हमारे, ख़ुदा की क़ुदरत है
कभी हम उनको, कभी अपने घर को देखते हैं
कभी हम उनको, कभी अपने घर को देखते हैं
कभी सबा को, कभी नामा-बर को देखते हैं
ये हम जो हिज्र में दीवार-ओ-दर को देखते हैं
Writer(s): Rajesh Reddy, Ghalib
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