Lyrics

राही, तू मत रुक जाना राही, तू मत रुक जाना तूफ़ाँ से मत घबराना कभी तो मिलेगी तेरी मंज़िल कहीं दूर गगन की छाँव में राही, तू मत रुक जाना माना कि गहरी है धरा पर है कहीं तो किनारा तू भी मिला आशा के सुर में मन का ये एकतारा तू भी मिला आशा के सुर मे मन का ये एकतारा कभी तो मिलेगी तेरी मंज़िल कहीं दूर गगन की छाँव में राही, तू मत रुक जाना सब का वो ऊपरवाला सब को उसी ने संभाला जब भी घिरा ग़म का अँधेरा उसने किया उजियाला जब भी घिरा ग़म का अँधेरा उसने किया उजियाला कभी तो मिलेगी तेरी मंज़िल कहीं दूर गगन की छाँव में राही, तू मत रुक जाना तूफ़ाँ से मत घबराना कभी तो मिलेगी तेरी मंज़िल कहीं दूर गगन की छाँव में कहीं दूर-, कहीं दूर... कहीं दूर-, कहीं दूर...
Writer(s): Shailendra, Kishore Kumar Lyrics powered by www.musixmatch.com
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