Lyrics
चलना ज़िंदगानी, दुनिया बहता पानी
मंज़िलें पुकारती हैं, "आजा-आजा
ज़िंदगी से रूठ के तू ना जा, ना जा"
चलना ज़िंदगानी, दुनिया बहता पानी
मंज़िलें पुकारती हैं, "आजा-आजा
ज़िंदगी से रूठ के तू ना जा, ना जा"
चलना ज़िंदगानी...
हर qदम पे नाग काले, इंसान को जकड़े खड़े
ज़ालिमों का राज़ सारा, हैं जान के लाले पड़े
हर कदम पे नाग काले, इंसान को जकड़े खड़े
ज़ालिमों का राज़ सारा, हैं जान के लाले पड़े
तू ही आके निजात दिला, ज़िंदगी को हसीन बना
तू ही आके निजात दिला, ज़िंदगी को हसीन बना
चलना ज़िंदगानी, दुनिया बहता पानी
मंज़िलें पुकारती हैं, "आजा-आजा
ज़िंदगी से रूठ के तू ना जा, ना जा"
चलना ज़िंदगानी, होय-होय
मज़हबों की आड़ में तो ईमान को बेच रहे
इंसाँ होकर खुद ही इंसाँ इंसान को बेच रहे
ज़ुल्म को मिटाकर तू इंसाँ को इंसान बना
ज़ुल्म को मिटाकर तू इंसाँ को इंसान बना
चलना ज़िंदगानी, दुनिया बहता पानी
मंज़िलें पुकारती हैं, "आजा-आजा
ज़िंदगी से रूठ के तू ना जा, ना जा"
चलना ज़िंदगानी, होय-होय
Writer(s): Kewal, Satyam
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