Lyrics

लाल सुरा की धार लपट-सी कह न इसे देना ज्वाला कह न इसे देना ज्वाला फेनिल मदिरा है, मत इसको कह देना उर का छाला दर्द नशा है इस मदिरा का दर्द नशा है इस मदिरा का विगत स्मृतियाँ साक़ी हैं पीड़ा में आनन्द जिसे हो, आए मेरी मधुशाला पीड़ा में आनन्द जिसे हो, आए मेरी मधुशाला
Writer(s): Jaidev, Harivansh Rai Bachchan Lyrics powered by www.musixmatch.com
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