Listen to Dekhi Teri Duniya by Mukesh

Dekhi Teri Duniya

Mukesh

Bollywood

5 Shazams

Lyrics

जाने कितने दुख सह कर पत्थर हीरा बनता है बरसों की क़ुर्बानी से इंसान फ़रिश्ता बनता है देखी तेरी दुनिया, अरे, देखे तेरे काम किसी घर में सुबह, किसी घर में शाम किसी घर में सुबह, किसी घर में शाम देखी तेरी दुनिया, अरे, देखे तेरे काम किसी घर में सुबह, किसी घर में शाम किसी घर में सुबह, किसी घर में शाम देखी तेरी दुनिया... ये दुनिया है मीत ख़ुशी की दुख में शामिल कोई नहीं सब हैं घाइल करने वाले इनमें साइल कोई नहीं जो औरों के दर्द से तड़पे क्या ऐसा दिल कोई नहीं है? कोई नहीं है देखी तेरी दुनिया, अरे, देखे तेरे काम किसी घर में सुबह, किसी घर में शाम किसी घर में सुबह, किसी घर में शाम देखी तेरी दुनिया... एक आँगन में उजली किरणें एक आँगन में है अँधियारा एक दामन में महकी कलियाँ एक दामन में है अँगारा अपना सुख जो सब को बाँटे दर-दर भटके वो दुखियारा वो दुखियारा देखी तेरी दुनिया, अरे, देखे तेरे काम किसी घर में सुबह, किसी घर में शाम किसी घर में सुबह, किसी घर में शाम
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