Lyrics
नई ज़िंदगी से प्यार कर के देख
इस के रूप का सिंगार कर के देख
इस पे जो भी है निसार कर के देख
नई ज़िंदगी से प्यार कर के देख
(नई ज़िंदगी से प्यार कर के देख)
(इस के रूप का सिंगार कर के देख)
(इस पे जो भी है निसार कर के देख)
(नई ज़िंदगी से प्यार कर के देख)
नींद से धरती को जो जगाएगा
ज़मीं को जो जगाएगा (ज़मीं को जो जगाएगा)
बीज आँसुओं के जो बिछाएगा
जो मेहनतें लुटाएगा (जो मेहनतें लुटाएगा)
फूल उस के आँगन में मुस्कुराएगा, मुस्कुराएगा
(फूल उस के आँगन में मुस्कुराएगा, मुस्कुराएगा)
और चार दिन गुज़ार कर के देख
(नई ज़िंदगी से प्यार कर के देख)
इस पे जो भी है निसार कर के देख
(नई ज़िंदगी से प्यार कर के देख)
गा रही है धरती गीत प्यार के
सुहाने प्यार के (सुहाने प्यार के)
दिन गुज़र चुके हैं इंतज़ार के
हो, तेरे इंतज़ार के (हो, तेरे इंतज़ार के)
चुप ना रह, पपीहे, मन को मार के, मन को मार के
(चुप ना रह, पपीहे, मन को मार के, मन को मार के)
आएँगे पिया, पुकार कर के देख
(नई ज़िंदगी से प्यार कर के देख)
आएँगे पिया, पुकार कर के देख
(नई ज़िंदगी से प्यार कर के देख)
(इस के रूप का सिंगार कर के देख)
(इस पे जो भी है निसार कर के देख)
(नई ज़िंदगी से प्यार कर के देख)
Writer(s): Panchal Kaikishan, R S Shankar Singh
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