पल, एक पल में ही थम सा गया
तू हाथ में हाथ जो दे गया
चलूँ मैं जहां जाए तू
दाएं मैं तेरे, बाएं तू
हूँ रुत मैं, हवाएं तू
साथिया
हँसू मैं, जब गाए तू
रोऊँ मैं, मुरझाए तू
भीगूँ मैं, बरसाए तू
साथिया
साया मेरा है तेरी शकल
हाल है ऐसा कुछ आजकल
सुबह मैं हूँ, तू धूप है
मैं आईना हूँ, तू रूप है
ये तेरा साथ खूब है, हमसफ़र
तू इश्क के सारे रंग दे गया
फिर खींच के अपने संग ले गया
कहीं पे खो जाए चल
जहां ये रुक जाए पल
कभी ना फिर आए कल, साथिया
एक मांगे अगर, १०० ख्वाब दूं
तू रहे खुश, मैं आबाद हूँ
तू सबसे जुदा-जुदा सा है
तू अपनी तरह-तरह सा है
मुझे लगता नही है तू दूसरा
पल, एक पल में ही थम सा गया
तू हाथ में हाथ जो दे गया
चलूँ मैं जहां जाए तू
दाएं मैं तेरे, बाएं तू
हूँ रुत मैं, हवाएं तू
साथिया
हँसू मैं जब गाए तू
रोऊँ मैं, मुरझाए तू
भीगूँ मैं बरसाए तू
साथिया