Lyrics

आ, काहे को बिसारा हरि नाम? माटी के पुतले, काहे को बिसारा हरि नाम? माटी के पुतले, काहे को बिसारा रे हरि नाम? हाड़-चाम का तन ये तेरा... हाड़-चाम का तन ये तेरा, आज है, कल ना रइहे हाथी-घोड़ा, माल-ख़ज़ाना, कोई संग ना जइहे हाड़-चाम का तन ये तेरा, आज है, कल ना रइहे हाथी-घोड़ा, माल-ख़ज़ाना, कोई संग ना जइहे रूप-रंग की तड़क-भड़क ये नहीं लगेगी काम माटी के पुतले, काहे को बिसारा रे हरि नाम? माटी के पुतले, काहे को बिसारा रे हरि नाम? काहे को बिसारा रे हरि नाम? माटी के पुतले, काहे को बिसारा हरि नाम? माटी के पुतले, काहे को बिसारा रे हरि नाम? हरे-हरे गोपाल, राधे-कृष्ण (हरे-हरे गोपाल, राधे-कृष्ण) हरे-हरे गोविंद, पांडू रंग (हरे-हरे गोविंद, पांडू रंग) (हरे-हरे गोपाल, राधे-कृष्ण) (हरे-हरे गोपाल, राधे-कृष्ण) हे जगवंदन, देवकी नंदन कनस निकंदन, हरे-हरे जन-मन रंजन, भव-दुख भंजन अलख निरंजन, हरे-हरे (हरे-हरे गोपाल, राधे-कृष्ण) (हरे-हरे गोपाल, राधे-कृष्ण) हरे-हरे गोविंद, पांडू रंग (हरे-हरे गोविंद, पांडू रंग) (हरे-हरे गोपाल, राधे-कृष्ण) (हरे-हरे गोपाल, राधे-कृष्ण) (हरे-हरे गोपाल, राधे-कृष्ण) (हरे-हरे गोपाल, राधे-कृष्ण) (हरे-हरे गोपाल, राधे-कृष्ण) (हरे-हरे गोपाल, राधे-कृष्ण) (हरे-हरे गोपाल, राधे-कृष्ण) (हरे-हरे गोपाल, राधे-कृष्ण) (हरे-हरे गोपाल, राधे-कृष्ण) (हरे-हरे गोपाल, राधे-कृष्ण)
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