Lyrics
हवाओं के जो हो गए
पतंग जैसे खो गए
ज़रा-ज़रा बदल गए कब
ख़बर नहीं
हवाओं के जो हो गए
पतंग जैसे खो गए
ज़रा-ज़रा बदल गए कब
ख़बर नहीं
ले गया हमें आसमाँ जहाँ
सोचा ही नहीं उड़ चले वहाँ
ले आया है अब हमें कहाँ
खबर नहीं
हवाओं के जो हो गए
पतंग जैसे खो गए
ज़रा-ज़रा बदल गए कब
ख़बर नहीं
वक़्त का बादल बहता धुआँ था
हाथों में आया नहीं
ऊंचाई पर भी, ख्वाबों का पंछी
आँखो ने पाया नहीं
उम्मीद है
वापस कभी
अपनी ज़मीं को लौटें
हवाओं के जो हो गए
पतंग जैसे खो गए
ज़रा-ज़रा बदल गए कब
ख़बर नहीं
ले गया हमें आसमाँ जहाँ
सोचा ही नहीं उड़ चले वहाँ
ले आया है अब हमें कहाँ
खबर नहीं
Writer(s): Hussain Haidry, Nilotpal Bora
Lyrics powered by www.musixmatch.com