Lyrics
कहीं ख़ुशी, कहीं ग़म के चिराग़ जलते हैं
ये मौसमी है ज़माने, ख़ुदा बदलते हैं
आ, दुआ है ये जले दिल की
दुआ है ये जले दिल की
तुम्हें आबाद रहने दे
बना दे घर किसी का और उसे बर्बाद रहने दे
बना दे घर किसी का और उसे बर्बाद रहने दे
दुआ है ये जले दिल की
जला दे मेरी क़िस्मत और क़िस्मत के सितारों को
मिटा दे ज़िंदगी और ज़िंदगी की उन बहारों को
मगर तू दिल में बाक़ी सिर्फ़ उनकी याद रहने दे
बना दे घर किसी का और उसे बर्बाद रहने दे
दुआ है ये जले दिल की
आ, जो जितने गिर चुके हैं गिर चुके अब क्यूँ गिराता है?
जला के आ, के आना ख़ाक, क्यूँ ख़ुशी उड़ाता है?
मिटा लो तो नज़रा के सामने याद रहने दे
बना दे घर किसी का और उसे बर्बाद रहने दे
दुआ है ये जले दिल की
Writer(s): Noor Lucknowi, Vasant Desai
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