Lyrics

वही तुम और हम, वही हम हैं फ़ासले बस अब ज़रा कम हैं पल-पल पुकारे जो वो धड़कनें भी हैं लहरों पे चलते क़दम हैं मंज़िल की फ़िक्र भी कम है बेपरवाह हो के हम संग चल चलें ऐसी है हवा यहाँ कि हम भी ख़ुद को खो के बह गए ऐसी है हवा यहाँ कि हम भी ख़ुद को खो के बह गए बहके-बहके हम, बहके-बहके हम ऐसे दो बादल घुल जाएँ एक-दूजे में जैसे अंबर से फिर देखें हम सतरंगी किरणें मन हो तो बूँदें बन के जम के बरसें ऐसी है हवा यहाँ कि हम भी ख़ुद को खो के बह गए ऐसी है हवा यहाँ कि हम भी ख़ुद को खो के बह गए वही तुम और हम, वही हम हैं ना ही डर और ना कोई ग़म है उम्मीदों की राहों में रोशनी भी है वही तुम और हम, वही हम हैं फ़ासले बस अब ज़रा कम हैं नए-नए नज़ारों से नई धड़कनें हैं ऐसी है हवा यहाँ कि हम भी ख़ुद को खो के बह गए ऐसी है हवा यहाँ कि हम भी ख़ुद को खो के बह गए
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