Lyrics

मैं ज़मीं, तू आसमाँ और अधूरी दास्ताँ नाते कैसे जुड़ें? तू रेशम सी परी, मुझ में क्या है सादगी रास्ते मुड़े हुए हम-तुम अलग हैं फ़र्क़ है, फ़र्क़ है, फ़र्क़ है अर्ज़ मैं, तू फ़लक है फ़र्क़ है, फ़र्क़ है, फ़र्क़ है नाज़ तू, मुज़ीर मैं, ज़िद पे अब लकीर है बेहद हैं फ़ासले मैं शामत का निशाँ, तुझ पे उन को है गुमाँ दुनिया मुझ को सहे मैं मोहताज, तू धड़क है फ़र्क़ है, फ़र्क़ है, फ़र्क़ है मैं बे-रंग, तू चमक है फ़र्क़ है, फ़र्क़ है, फ़र्क़ है
Writer(s): Sujan Sinha Lyrics powered by www.musixmatch.com
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