Lyrics

कुछ ना कहो, कुछ भी ना कहो कुछ ना कहो, कुछ भी ना कहो क्या कहना है, क्या सुनना है मुझको पता है, तुमको पता है समय का ये पल थम सा गया है और इस पल में कोई नहीं है बस एक मैं हूँ, बस एक तुम हो कुछ ना कहो, कुछ भी ना कहो कितने गहरे-हलके, शाम के रंग हैं छलके पर्वत से यूँ उतरे बादल, जैसे आँचल ढलके कितने गहरे-हलके, शाम के रंग हैं छलके पर्वत से यूँ उतरे बादल, जैसे आँचल ढलके और इस पल में कोई नहीं है बस एक मैं हूँ, बस एक तुम हो कुछ ना कहो, कुछ भी ना कहो क्या कहना है, क्या सुनना है मुझको पता है, तुमको पता है समय का ये पल थम सा गया है और इस पल में कोई नहीं है बस एक मैं हूँ, बस एक तुम हो कुछ ना कहो, कुछ भी ना कहो
Writer(s): Javed Akhtar, Rd Burman Lyrics powered by www.musixmatch.com
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