Lyrics

ओ, हमें बस ये पता है वो बहुत ही ख़ूबसूरत है लिफ़ाफ़े के लिए लेकिन पते की भी ज़रूरत है हमने सनम को ख़त लिखा... हमने सनम को ख़त लिखा, ख़त में लिखा ऐ दिलरुबा, दिल की गली, शहर-ए-वफ़ा हमने सनम को ख़त लिखा, ख़त में लिखा पहुँचे ये ख़त जाने कहाँ जाने बने क्या दास्ताँ पहुँचे ये ख़त जाने कहाँ जाने बने क्या दास्ताँ उस पर रक़ीबों का ये डर लग जाए उनके हाथ 'गर कितना बुरा अंजाम हो दिल मुफ़्त में बदनाम हो ऐसा ना हो, ऐसा ना हो अपने ख़ुदा से रात-दिन माँगा किए हम ये दुआ हमने सनम को... हमने सनम को ख़त लिखा, ख़त में लिखा ऐ दिलरुबा, दिल की गली, शहर-ए-वफ़ा हमने सनम को ख़त लिखा, ख़त में लिखा पीपल का ये पत्ता नहीं काग़ज़ का ये टुकड़ा नहीं पीपल का ये पत्ता नहीं काग़ज़ का ये टुकड़ा नहीं इस दिल का ये अरमान है इसमें हमारी जान है ऐसा ग़ज़ब हो जाए ना रस्ते में ये खो जाए ना हमने बड़ी ताकीद की डाला इसे जब डाक में ये डाकबाबू से कहा हमने सनम को... हमने सनम को ख़त लिखा, ख़त में लिखा ऐ दिलरुबा, दिल की गली, शहर-ए-वफ़ा हमने सनम को ख़त लिखा, ख़त में लिखा बरसों जवाब-ए-यार का देखा किए हम रास्ता, आ बरसों जवाब-ए-यार का देखा किए हम रास्ता एक दिन वो ख़त वापस मिला और डाकिए ने ये कहा "इस डाकख़ाने में नहीं, सारे ज़माने में नहीं" कोई सनम इस नाम का कोई गली इस नाम की कोई शहर इस नाम का हमने सनम को... हमने सनम को...
Writer(s): Anand Bakshi, Rahul Dev Burman Lyrics powered by www.musixmatch.com
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