Lyrics

चल रही अच्छी-खासी ज़िन्दगी में फिर कहाँ से मोड़ आया? जल रही हर खुशी ये पूछे खुदको तू कहाँ पे छोड़ आया? माँगा हमने तुमसे चराग़ वाला चाँदी का वो जहाँ तुमने दी है बदले में रात काली करके मेरा सब धुआँ घूमता फिरूँ अकेले दर-ब-दर क्या पता ये रास्ते ले जाएँगे किधर घूमता फिरूँ अकेले दर-ब-दर क्या पता ये रास्ते ले जाएँगे किधर थाम ले कोई, पूछ ले कोई हाल मेरा क्या है, मुझसे ले मेरी ख़बर धुँधला-धुँधला शहर ढूँढ़ूँ मैं घर टूटा है ख़ुद-ब-ख़ुद वो ख़्वाब मेरा या मैं ख़ुद ही तोड़ आया? जल रही हर खुशी ये पूछे खुदको तू कहाँ पे छोड़ आया? माँगा हमने तुमसे चराग़ वाला चाँदी का वो जहाँ तुमने दी है बदले में रात काली करके मेरा सब धुआँ
Writer(s): Nilotpal Bora Lyrics powered by www.musixmatch.com
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