Lyrics

कभी छुपता कभी धप्पा करता करता मनमर्ज़ी कभी सुन भी लेता तुझे देख कर ये दिल गिरता-सँभलता गिरता-सँभलता बे-परवाह चाहता है ये तुझको ना-समझ को ना समझ है जो तू जाने सच को और ना लौटे ये फ़िकर है आगे बढ़ता, थोड़ा ठिठरता तुझे देखकर ये दिल गिरता-सँभलता गिरता-सँभलता बे-परवाह तुझे देखकर ये दिल...
Writer(s): Nayantara Bhatkal, Aditya Narayan, Chakori Dwivedi Lyrics powered by www.musixmatch.com
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