Lyrics

हंगामा है क्यूँ बरपा, थोड़ी सी जो पी ली है हंगामा है क्यूँ बरपा, थोड़ी सी जो पी ली है डाका तो नहीं डाला... डाका तो नहीं डाला, चोरी तो नहीं की है हंगामा है क्यूँ बरपा, थोड़ी सी जो पी ली है उस मय से नहीं मतलब दिल जिससे हो बेगाना उस मय से नहीं मतलब दिल जिससे हो बेगाना मक़्सूद है उस मय से... मक़्सूद है उस मय से दिल ही में जो खींचती है हंगामा है क्यूँ बरपा, थोड़ी सी जो पी ली है सूरज में लगे धब्बा, फ़ितरत के करिश्मे हैं सूरज में लगे धब्बा, फ़ितरत के करिश्मे हैं बुत हमको कहे काफ़िर... बुत हमको कहे काफ़िर, अल्लाह की मर्ज़ी है हंगामा है क्यूँ बरपा, थोड़ी सी जो पी ली है डाका तो नहीं डाला... डाका तो नहीं डाला, चोरी तो नहीं की है हंगामा है क्यूँ बरपा थोड़ी सी जो पी ली है
Writer(s): Ghulam Ali Sh Lyrics powered by www.musixmatch.com
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