Lyrics

मौसम कोई हो, इस चमन में रंग बनके रहेंगे हम ख़िरामाँ चाहत की ख़ुशबू यूँ ही ज़ुल्फ़ों से उड़ेगी ख़िज़ाओं में या बहारें यूँ ही झूमते... यूँ ही झूमते और खिलते रहेंगे बनके कली, बनके सबा बाग़-ए-वफ़ा में रहें ना रहें हम, महका करेंगे बनके कली, बनके सबा बाग़-ए-वफ़ा में रहें ना रहें हम जब हम ना होंगे, तब हमारी ख़ाक पे तुम रुकोगे चलते-चलते अश्कों से भीगी चाँदनी में एक सदा सी सुनोगे चलते-चलते वहीं पे कहीं... वहीं पे कहीं हम तुमसे मिलेंगे बनके कली, बनके सबा बाग़-ए-वफ़ा में रहें ना रहें हम, महका करेंगे बनके कली, बनके सबा बाग़-ए-वफ़ा में रहें ना रहें हम
Writer(s): Majrooh Sultanpuri, Roshan Lyrics powered by www.musixmatch.com
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