Listen to Chidiya by Vilen

Chidiya

Vilen

Indian Pop

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Lyrics

कैसी वो मुराद थी जो आज जल गई? परियों के ज़हन में जो आग बन गई देखी ना थी सपनों-ख़यालों में कभी ऐसी ज़िंदगी से मुलाक़ात बन गई तेरी आँखों की लहक को ना जाने ना जाने कैसी रात मिल गई ना जाने कैसी रात मिल गई ना जाने कैसी रात मिल गई आँखें झुकती चुभन में, अश्कों में मगन ये कैसी तेरी साँसें चढ़ गईं हो, सखियाँ देखे अंजुमन में, सोचें सब मन में कैसी-कैसी बातें बन गईं हो, तेरी बातों की चहक को ना जाने ना जाने कैसी रात मिल गई ना जाने कैसी रात मिल गई ना जाने कैसी रात मिल गई ओ-री, चिड़िया, ना तुझे री क्यूँ ये दुनिया भाए रे? ओ-रे, पंछी, क्यूँ हमेशा बैठी मुँह लटकाए रे? तेरी आँख ये जो नम है, इनमें जो ग़म है छोड़ के सुबह पे कर यक़ीं हो, ये जो झूमता सावन है, मीठी जो पवन है तेरी ही मुस्काँ से है बनी हो, तेरी बातों की चहक को ना जाने ना जाने कैसी रात मिल गई ना जाने कैसी रात मिल गई ना जाने कैसी रात मिल गई सोची थी जो रात वो आज मिल गई धुएँ के बरस में बरसात मिल गई देखी थी जो सपनों, ख़यालों में कहीं खुशियों की किरन वो आज मिल गई ये ज़माना बेशरम है, ना इसका धरम है क्यूँ ढूँढे है तू इसमें बंदगी? ओ, तेरे साथ तेरा मन है, दिल की धड़कन है आगे बढ़ के जी ले ज़िंदगी
Writer(s): Renuka Panwer, Rishav Kumar Lyrics powered by www.musixmatch.com
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