Lyrics

ये ज़िंदगी बदलती रही बदला फ़िर एक आशियाँ कोई भी जाने ना ये कोई पहचाने ना ये क़ाबू में किसके जहाँ ये क्या है सब चल रहा ये क्यूँ है सब चल रहा क़ाबू में किसके यहाँ तक़दीर पर मुक़दमा चलाने से क्या फ़ायदा? कोई ये जाने ना ये कोई पहचाने ना ये क़ाबू में किसके जहाँ ये क्या है सब चल रहा ये क्यूँ है सब चल रहा क़ाबू में किसके यहाँ दूर, कहीं दूर मेरा बचपन है बैठा हुआ आस में यहीं गिन लूँगा उसको मैं फ़िर कभी पर ये ज़िंदगी बदलती रही बदला फ़िर एक आशियाँ कोई ये जाने ना ये कोई पहचाने ना ये क़ाबू में किसके जहाँ ये क्या है सब चल रहा ये क्यूँ है सब चल रहा क़ाबू में किसके यहाँ ये कोई भी जाने ना ये कोई पहचाने ना ये क़ाबू में किसके जहाँ?
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