Lyrics

युग राम राज का आ गया शुभ दिन ये आज का आ गया हुई जीत सनातन धर्म की घर-घर भगवा लहरा गया जागा है अवध का भाग जी गूँजा है विजय का राग जी योगी संतों की अखियों से छलका है प्रेम अनुराग जी सज-धज के... ओ, सज-धज के... सज-धज के लागे सबसे न्यारे राम बोलो, "जय-जय सिया राम" अयोध्या आए मेरे प्यारे राम बोलो, "जय-जय सिया राम" स्वर्ग है उतरा आज अवध में स्वर्ग है उतरा आज अवध में स्वर्णिम से ये नज़ारे हैं अवध में राजाराम पधारे हम उनके दीवाने हैं राम, सिया राम, जय-जय सिया राम राम, सिया राम, जय-जय सिया राम राम, लखन और भरत, शत्रुघ्न बीच में जानकी माई हैं मारुति नंदन साथ बिराजे खुशियाँ अनोखी छाईं हैं राम, सिया राम, जय-जय सिया राम राम, सिया राम, जय-जय सिया राम अच्चुतम केशवं कृष्ण दामोदरं अच्चुतम केशवं कृष्ण दामोदरं राम नारायणं जानकी वल्लभं राम नारायणं जानकी वल्लभं कौन कहते हैं, "भगवान खाते नहीं"? कौन कहते हैं, "भगवान खाते नहीं"? बेर शबरी के जैसे खिलाते नहीं बेर शबरी के जैसे खिलाते नहीं नगरी हो अयोध्या सी, रघुकुल सा घराना हो चरण हो राघव के, जहाँ मेरा ठिकाना हो चरण हो राघव के, जहाँ मेरा ठिकाना हो मेरी जीवन नैया हो, प्रभु राम खिवैया हो राम कृपा की सदा मेरे सर पर छैया हो राम कृपा की सदा मेरे सर पर छैया हो
Writer(s): Jimmy Desai, Traditional Lyrics powered by www.musixmatch.com
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