Lyrics

(शिवम्) (शिवम्) है विश्वनाथ बाबा सबसे बड़ा प्रतापी उसका ही बनारस है, उसका ही ज्ञानवापी है विश्वनाथ बाबा सबसे बड़ा प्रतापी उसका ही बनारस है, उसका ही ज्ञानवापी, उसका ही ज्ञानवापी हम उसका क़र्ज़ साँस ये देकर चुकाएँगे मंदिर जहाँ था, फिर वहीं मंदिर बनाएँगे मंदिर जहाँ था, फिर वहीं मंदिर बनाएँगे मंदिर जहाँ था, फिर वहीं मंदिर बनाएँगे हम भोले के भगत हैं, फ़क्कड़ मिज़ाज वाले मस्ती में हैं मगन हम, दुनिया से हैं निराले हम भोले के भगत हैं, फ़क्कड़ मिज़ाज वाले मस्ती में हैं मगन हम, दुनिया से हैं निराले हम काशी विश्वनाथ से वादा निभाएँगे (बाबा!) मंदिर जहाँ था, फिर वहीं मंदिर बनाएँगे मंदिर जहाँ था, फिर वहीं मंदिर बनाएँगे मंदिर जहाँ था, फिर वहीं मंदिर बनाएँगे आई भगवे की लहर है, मंदिर है सजने वाला कैलाशी आए काशी, डमरू है बजने वाला आई भगवे की लहर है, मंदिर है सजने वाला कैलाशी आए काशी, डमरू है बजने वाला बस उसके सामने ही अपना सर झुकाएँगे (भोले!) मंदिर जहाँ था, फिर वहीं मंदिर बनाएँगे मंदिर जहाँ था, फिर वहीं मंदिर बनाएँगे मंदिर जहाँ था, फिर वहीं मंदिर बनाएँगे नंदी की प्रतिक्षा का फल उसे दिलाएँगे मंदिर जहाँ था, फिर वहीं मंदिर बनाएँगे हम काशी विश्वनाथ से वादा निभाएँगे मंदिर जहाँ था, फिर वहीं मंदिर बनाएँगे
Writer(s): Hansraj Raghuwanshi Lyrics powered by www.musixmatch.com
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