Lyrics

रुके ना जो चलते बादल अगर ना बारिश का हो बसर, उन्हें जाने दो बूँदें जो ना बरसे सूखे होंठ पर ना ख़्वाहिश हो ख़्वाबों सी तर, उन्हें जाने दो समंदर मिटा दे जो रेतों का घर, डह जाने दो तूफ़ाँ टिके ना जो कश्ती अगर, बह जाने दो बह जाने दो बह जाने दो जो सुबह हो गुज़री राह से बे-ख़बर छूटे धागों सी बे-सबर, सिरा कट जाने दो राहों की जो ना मंज़िल पे हो नज़र ना मिले साथ जो दो डगर, रस्ते बँट जाने दो धुँध में खो जाए परछाई 'गर, खो जाने दो जो तनहा हो अंजाँ अकेली सहर, हो जाने दो हो जाने दो हो जाने दो हो जाने दो हो जाने दो हो जाने दो, जाने दो बह जाने दो
Writer(s): Azazul Haque, Subhajit Mukherjee Lyrics powered by www.musixmatch.com
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