ज़िद न करो अब तो रुको ये रात नहीं आयेगी
ज़िद न करो अब तो रुको ये रात नहीं आयेगी
माना अगर कहना मेरा तुमको वफ़ा आ जायेगी
ज़िद न करो अब तो रुको ये रात नहीं आयेगी
आ, आ, आ, आ
तनहाई है और तू भी है, चाहा वो ही मिल गया
तनहाई है और तू भी है, चाहा वो ही मिल गया
लग जा गले खुश्बू तेरी तनमन मेरा महकायेगी
ज़िद न करो अब तो रुको ये रात नहीं आयेगी
माना अगर कहना मेरा तुमको वफ़ा आ जायेगी
ज़िद न करो अब तो रुको ये रात नहीं आयेगी
सजना मेरे चुनरी ज़रा मुख पे मेरे डाल दो
सजना मेरे चुनरी ज़रा मुख पे मेरे डाल दो
देखा अगर खुल के तूने तुमको नज़र लग जायेगी
ज़िद न करो अब तो रुको ये रात नहीं आयेगी
माना अगर कहना मेरा तुमको वफ़ा आ जायेगी
ज़िद न करो अब तो रुको ये रात नहीं आयेगी