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ना सजदे में दिल, ना इबादत में दिल है बस आजकल तो बग़ावत में दिल है हम्म ना सजदे में दिल, ना इबादत में दिल है बस आजकल तो बग़ावत में दिल है तेरी वजह से, तेरी वजह से मुंह फेर बैठे हैं अपने खुदा से मेरे नैना काफ़िर हो गये, हो गये तेरी गलियों के मुसाफिर हो गये मेरे नैना काफ़िर हो गये, हो गये तेरी गलियों के मुसाफिर हो गये मुझमें सब कुछ तेरा ना है अब कुछ मेरा होके जुदा सारे जहां से इक तेरी ओर चली मेरी सांसें तेरी वजह से, तेरी वजह से मुंह फेर बैठे हैं अपने खुदा से मेरे नैना काफ़िर हो गये, हो गये तेरी गलियों के मुसाफिर हो गये मैं जो मूंदूं पलकें सपने तेरे धड़कें तू ही बता अब तुझे पाके जायें कहां हम तेरे पास आके तेरी वजह से, तेरी वजह से मुंह फेर बैठे हैं अपने खुदा से मेरे नैना काफ़िर हो गए, हो गए तेरी गलियों के मुसाफिर हो गए मेरे नैना काफ़िर हो गये, हो गये तेरी गलियों के मुसाफिर हो गये
Writer(s): Kumaar Lyrics powered by www.musixmatch.com
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