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काशी करवट लेता है काशी करवट लेता है काशी करवट लेता है (आन कटाओ शीश, आन कटाओ शीश) बन-बन भटका फिरता है, बन-बन भटका फिरता है (अवध नाही जगदीश, अवध नाही जगदीश) काशी करवट लेता है काशी करवट लेता है (आन कटाओ शीश, आन कटाओ शीश) बन-बन भटका फिरता है, बन-बन भटका फिरता है (अवध नाही जगदीश, अवध नाही जगदीश) पंडित और मसान की इनकी गर्त कही ना जाए (कही ना जाए, कही ना जाए) पंडित और मसान की इनकी गर्त कही ना जाए (कही ना जाए, कही ना जाए) पर को दीया दिखा के, पर को दीया दिखा के (आप अँधेरे धाय, आप अँधेरे धाय) पर को दीया दिखा के, पर को दीया दिखा के (आप अँधेरे धाय, आप अँधेरे धाय)
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