Lyrics

ये दुनिया ये महफ़िल, मेरे काम की नहीं किसको सुनाऊँ हाल दिल-ऐ-बेक़रार का बुझता हुआ चराग हूँ अपने मज़ार का ऐ काश भूल जाऊँ मगर भूलता नहीं किस धूम से उठा था जनाज़ा बहार का ये दुनिया ये महफ़िल, मेरे काम की नहीं अपना पता मिले ना ख़बर यार की मिले दुश्मन को भी ना ऐसी सज़ा प्यार की मिले उनको खुदा मिले, है खुदा की जिन्हें तलाश मुझको बस एक झलक मेरे दिलदार की मिले ये दुनिया ये महफ़िल, मेरे काम की नहीं सेहरा में आके भी मुझको ठिकाना ना मिला ग़म को भुलाने का कोई बहाना ना मिला दिल तरसे जिसमें प्यार को, क्या समझूँ उस संसार को इक जीती बाज़ी हार के, मैं ढूँढूँ बिछड़े यार को ये दुनिया ये महफ़िल, मेरे काम की नहीं दूर निगाहों से आँसू बहाता है कोई कैसे ना जाऊँ मैं, मुझको बुलाता है कोई या टूटे दिल को जोड़ दो, या सारे बंधन तोड़ दो ऐ पर्वत रास्ता दे मुझे, ऐ काँटों दामन छोड़ दो ये दुनिया ये महफ़िल, मेरे काम की नहीं
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