Credits
PERFORMING ARTISTS
Lata Mangeshkar
Performer
COMPOSITION & LYRICS
Salil Chowdhury
Composer
Shailendra
Songwriter
Lyrics
जुल्मी संग आँख लड़ी, जुल्मी संग आँख लड़ी रे
(जुल्मी संग आँख लड़ी, जुल्मी संग आँख लड़ी रे)
(जुल्मी संग आँख लड़ी, जुल्मी संग आँख लड़ी रे)
सखी, मैं का से कहूँ? री सखी, का से कहूँ?
जाने कैसी ये गाँठ पड़ी, जुल्मी संग आँख लड़ी रे
(जुल्मी संग आँख लड़ी, जुल्मी संग आँख लड़ी रे)
वो छुप-छुप के बंसरी बजाए
(वो छुप-छुप के बंसरी बजाए रे)
वो छुप-छुप के बंसरी बजाए
सुनाए मोहे मस्ती में डूबा हुआ राग रे
मोहे तारों की छाँव में बुलाए
(मोहे तारों की छाँव में बुलाए रे)
मोहे तारों की छाँव में बुलाए
चुराए मेरी निंदिया, मैं रह जाऊँ जाग रे
लगे दिन छोटा, रात बड़ी, जुल्मी संग आँख लड़ी रे
(जुल्मी संग आँख लड़ी, जुल्मी संग आँख लड़ी रे)
सखी, मैं का से कहूँ? री सखी, का से कहूँ?
जाने कैसी ये गाँठ पड़ी, जुल्मी संग आँख लड़ी रे
(जुल्मी संग आँख लड़ी, जुल्मी संग आँख लड़ी रे)
बातों-बातों में रोग बढ़ा जाए
(बातों-बातों में रोग बढ़ा जाए रे)
बातों-बातों में रोग बढ़ा जाए
हमारा जिया तड़पे किसी के लिए शाम से
मेरा पागलपना तो कोई देखो
(मेरा पागलपना तो कोई देखो रे)
मेरा पागलपना तो कोई देखो
पुकारूँ मैं चंदा को साजन के नाम से
फिरी मन पे जादू की छड़ी, जुल्मी संग आँख लड़ी रे
(जुल्मी संग आँख लड़ी, जुल्मी संग आँख लड़ी रे)
सखी, मैं का से कहूँ? री सखी, का से कहूँ?
जाने कैसी ये गाँठ पड़ी, जुल्मी संग आँख लड़ी रे
(जुल्मी संग आँख लड़ी, जुल्मी संग आँख लड़ी रे)
Writer(s): Shailendra, Salil Chowdhari
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