Lyrics

जिनपे इल्ज़ाम बेवफ़ाई का उनसे उम्मीद-ए-वफ़ा करता हूँ ज़ख़्म खाए हैं जो मोहब्बत में दास्ताँ उनकी बयाँ करता हूँ क्या बताऊँ तुम्हें, दोस्तों, इश्क़ में बेवफ़ा से वफ़ा कर रहा हूँ क्या बताऊँ तुम्हें, दोस्तों, इश्क़ में बेवफ़ा से वफ़ा कर रहा हूँ वो गए हैं बदल, दोस्तों, आज-कल वो गए हैं बदल, दोस्तों, आज-कल मैं तो मरने की दुआ कर रहा हूँ क्या बताऊँ तुम्हें, दोस्तों, इश्क़ में बेवफ़ा से वफ़ा कर रहा हूँ क्या बताऊँ तुम्हें, दोस्तों, इश्क़ में फेर ली जब से उसने निगाहें सूनी-सूनी हुईं दिल की राहें आ गई ज़िंदगी उस जगह पे हर तरफ़ हैं जहाँ सिर्फ़ आहें जानता है ख़ुदा, उसको देके दुआ जानता है ख़ुदा, उसको देके दुआ अपना हक़ मैं अदा कर रहा हूँ वो गए हैं बदल, दोस्तों, आज-कल मैं तो मरने की दुआ कर रहा हूँ क्या बताऊँ तुम्हें, दोस्तों, इश्क़ में कम ना होंगी जो वो दूरियाँ हैं दूर तक अब तो मजबूरियाँ हैं ना वफ़ाएँ मेरी काम आईं मेरी क़िस्मत में बे-नूरियाँ हैं मैंने की है वफ़ा, उसने दी है दग़ा मैंने की है वफ़ा, उसने दी है दग़ा जान उसपे फ़िदा कर रहा हूँ वो गए हैं बदल, दोस्तों, आज-कल वो गए हैं बदल, दोस्तों, आज-कल मैं तो मरने की दुआ कर रहा हूँ क्या बताऊँ तुम्हें, दोस्तों, इश्क़ में बेवफ़ा से वफ़ा कर रहा हूँ क्या बताऊँ तुम्हें, दोस्तों, इश्क़ में
Writer(s): Sawan Kumar Sawan Lyrics powered by www.musixmatch.com
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