Lyrics

ना जाने क्यूँ ना जाने क्यूँ ये ख़ुशी की महफ़िल, धड़कता है दिल ना जाने क्यूँ इन हज़ारों में सनम तुम्हीं को दिया दिल ना जाने क्यूँ तुम्हें चाह के, मेरे हसीं, कुछ और फिर चाहा नहीं हाल ये हुआ जाने क्यूँ ये ख़ुशी की महफ़िल, धड़कता है दिल ना जाने क्यूँ इन हजारों में सनम तुम्हीं को दिया दिल ना जाने क्यूँ जी में जो आए करो, इतना मगर देख लो हाथों में है जो हाथ वही अरमाँ का क़ातिल ना हो हाय, अल्लाह, तेरी नज़र ज़ख़्मी है मेरा जिगर क़ातिल दिल के मेरे, कहीं तू ही मेरा दिल ना हो हो, तेरा शबाब खिलता रहे, जादू तेरा चलता रहे है दुआ मेरी जाने क्यूँ इन हज़ारों में सनम तुम्हीं को दिया दिल ना जाने क्यूँ ये ख़ुशी की महफ़िल, धड़कता है दिल ना जाने क्यूँ महफ़िल को रोशन करो, कुछ और भी रंग भरो ऐसा बाँधो समा, कोई होश में ना रहे डरता हूँ इस प्यार पर, कल को हँसे ना ये लोग दो पल की ये ख़ुशी बन जाए जीवन का रोग अब तो सनम चाहा तुम्हें, अब लोग जो चाहे कहें दिल दिया तो फिर डरना क्यूँ? ये ख़ुशी की महफ़िल, धड़कता है दिल ना जाने क्यूँ इन हज़ारों में सनम तुम्हीं को दिया दिल ना जाने क्यूँ हो, तुम्हें चाह के, मेरे हसीं, कुछ और फिर चाहा नहीं हाल ये हुआ जाने क्यूँ ये ख़ुशी की महफ़िल, धड़कता है दिल ना जाने क्यूँ
Writer(s): Anu Malik, Majrooh Sultanpuri Lyrics powered by www.musixmatch.com
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