Listen to Chand Tare Yunhi (Live In India/1984) by Chandan Dass

Chand Tare Yunhi (Live In India/1984)

Chandan Dass

Sufi & Ghazals

167 Shazams

Lyrics

जनाब Ibrahim Ashq-E-Ghazal मुलाहज़ा फ़रमाइए तू ही अपने हाथ से जब, दिलरुबा, जाता रहा (वाह! वाह! क्या बात है! वाह!) दिल की भी परवाह नहीं, जाता रहा, जाता रहा (वाह! वाह! वाह!) दिल चुरा कर आप तो बैठे हुए हैं चैन से (वाह! वाह!) ढूँढने वाले से पूछे कोई, "क्या जाता रहा" (क्या बात है!) चाँद-तारे यूँ ही मुस्कुराते रहे चाँद-तारे यूँ ही मुस्कुराते रहे कोई अरमान दिल में मचलता रहा दर्द बढ़ता गया, रात ढलती गई दर्द बढ़ता गया, रात ढलती गई तुम ना आए, मेरा दम निकलता रहा चाँद-तारे यूँ ही मुस्कुराते रहे कोई अरमान दिल में मचलता रहा साथ मेरे रही मेरी तन्हाइयाँ दूर बजती रहीं कितनी शहनाइयाँ साथ मेरे रही मेरी तन्हाइयाँ दूर बजती रहीं कितनी शहनाइयाँ जान लेती रहीं अजनबी आहटें जान लेती रहीं अजनबी आहटें करवटें रात-भर मैं बदलता रहा चाँद-तारे यूँ ही (क्या बात है!) मुस्कुराते रहे कोई अरमान दिल में मचलता रहा हुस्न वालों का कोई भरोसा नहीं बेवफ़ा हैं, वफ़ा का सलीक़ा नहीं हुस्न वालों का कोई भरोसा नहीं बेवफ़ा हैं, वफ़ा का सलीक़ा नहीं पास रखेंगे क्या अपने वादे का ये पास रखेंगे क्या अपने वादे का ये जिनका वादे पे वादा बदलता रहा चाँद-तारे यूँ ही मुस्कुराते रहे कोई अरमान दिल में मचलता रहा ये सितमगर हैं, दिल में मोहब्बत नहीं संग-दिल के हैं ज़माने के सारे हसीं ये सितमगर हैं, दिल में मोहब्बत नहीं संग-दिल के हैं ज़माने के सारे हसीं इश्क़ मजबूर है अपने दिल से, मगर इश्क़ मजबूर है अपने दिल से, मगर साथ इनके हमेशा ही चलता रहा चाँद-तारे यूँ ही मुस्कुराते रहे कोई अरमान दिल में मचलता रहा दर्द बढ़ता गया, रात ढलती गई दर्द बढ़ता गया, रात ढलती गई तुम ना आए, मेरा दम निकलता रहा चाँद-तारे यूँ ही मुस्कुराते रहे कोई अरमान दिल में मचलता रहा
Writer(s): Chandan Dass, Ibrahim Ashk Lyrics powered by www.musixmatch.com
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