Top Songs By Mohd. Rafi
Credits
PERFORMING ARTISTS
Mohd. Rafi
Performer
COMPOSITION & LYRICS
Chitragupta
Composer
Majrooh Sultanpuri
Songwriter
Lyrics
घर से तो कट चुका पत्ता
हूँ नौजवाँ मैं अलबत्ता
मेरे लिए अब एक है
Bombay हो कि कलकत्ता
घर से तो कट चुका पत्ता
हूँ नौजवाँ मैं अलबत्ता
मेरे लिए अब एक है
Bombay हो कि कलकत्ता
परवाह नहीं, दुनिया मुझे हँस के पुकारे
बदनाम हूँ, ये भी तो है एक नाम प्यारे
आज ले के मेरा नाम हँसते ही तो है तमाम
कोई रो तो नहीं सकता
घर से तो कट चुका पत्ता
हूँ नौजवाँ मैं अलबत्ता
ओ, मेरे लिए अब एक है
Bombay हो कि कलकत्ता
मैं तो सभी के साथ करता हूँ भलाई
ओ, देखो मज़ा, फिर भी निकलती है बुराई
कोई चोर मैं नहीं, सीना ज़ोर मैं नहीं
ज़रा qiस्मत का हूँ कच्चा
घर से तो कट चुका पत्ता
हूँ नौजवाँ मैं अलबत्ता
मेरे लिए अब एक है
Bombay हो कि कलकत्ता
ओ, बिगड़े हुए लाखों बने देखा यहीं पे
हूँ सोचता अक्सर यहीं बैठा ज़मीं पे
आसमाँ को प्यार आए, मेरी गाड़ी डोल जाए
कहीं दे-दे जो एक धक्का
घर से तो कट चुका पत्ता
हूँ नौजवाँ मैं अलबत्ता
ओ, मेरे लिए अब एक है
Bombay हो कि कलकत्ता
घर से तो कट चुका पत्ता
हूँ नौजवाँ मैं अलबत्ता
मेरे लिए अब एक है
Bombay हो कि कलकत्ता, haha
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