Lyrics

घर से तो कट चुका पत्ता हूँ नौजवाँ मैं अलबत्ता मेरे लिए अब एक है Bombay हो कि कलकत्ता घर से तो कट चुका पत्ता हूँ नौजवाँ मैं अलबत्ता मेरे लिए अब एक है Bombay हो कि कलकत्ता परवाह नहीं, दुनिया मुझे हँस के पुकारे बदनाम हूँ, ये भी तो है एक नाम प्यारे आज ले के मेरा नाम हँसते ही तो है तमाम कोई रो तो नहीं सकता घर से तो कट चुका पत्ता हूँ नौजवाँ मैं अलबत्ता ओ, मेरे लिए अब एक है Bombay हो कि कलकत्ता मैं तो सभी के साथ करता हूँ भलाई ओ, देखो मज़ा, फिर भी निकलती है बुराई कोई चोर मैं नहीं, सीना ज़ोर मैं नहीं ज़रा qiस्मत का हूँ कच्चा घर से तो कट चुका पत्ता हूँ नौजवाँ मैं अलबत्ता मेरे लिए अब एक है Bombay हो कि कलकत्ता ओ, बिगड़े हुए लाखों बने देखा यहीं पे हूँ सोचता अक्सर यहीं बैठा ज़मीं पे आसमाँ को प्यार आए, मेरी गाड़ी डोल जाए कहीं दे-दे जो एक धक्का घर से तो कट चुका पत्ता हूँ नौजवाँ मैं अलबत्ता ओ, मेरे लिए अब एक है Bombay हो कि कलकत्ता घर से तो कट चुका पत्ता हूँ नौजवाँ मैं अलबत्ता मेरे लिए अब एक है Bombay हो कि कलकत्ता, haha
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