Lyrics

मोहन, मैं एक भटका राही तुम पथ के उजियारे हो मोहन, मैं एक भटका राही तुम पथ के उजियारे हो (मोहन, मैं एक भटका राही) (तुम पथ के उजियारे हो) पग-पग ठोकर खाऊँ बोलो, अकेला मैं कित जाऊँ? काहे ना तुमसे आस लगाऊँ? तुम लाखों के सहारे हो (मोहन, मैं एक भटका राही) (तुम पथ के उजियारे हो) (मोहन, मैं एक भटका राही) (तुम पथ के उजियारे हो) -का मेरे क़दम को दोष ना दे सब, भगवन, तुमको देख भटकता मेरे क़दम को दोष ना दे सब, भगवन, तुमको तुम तो देखे रहे हो हमको तुम तो साथ हमारे हो (मोहन, मैं एक भटका राही) (तुम पथ के उजियारे हो) (मोहन, मैं एक भटका राही) (तुम पथ के उजियारे हो)
Writer(s): Chitragupta, Majrooh Sultanpuri Lyrics powered by www.musixmatch.com
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