Lyrics
चारदीवारी में छुपा एक अफ़साना
तेरे लिए जो लिखा था एक तराना
गाऊँगा जब कभी तो याद आएगी
मेरी हर कहानी में तू चली आएगी
मैं कभी भूला ना तुझे
मैं कभी भूला ना तुझे
मैं कभी भूला ना तुझे
मैं कभी भूला ना तुझे
रातों की परछाइयों में मैं
ढूँढता हूँ तुझको ही अक्सर
बातों की गहराइयों में मैं
पाता हूँ तुझको ही हर पल
ख़्वाबों के हर मोड़ पर अक्स है तेरा
साँसों में चल रहा जो, एक राज़ है तेरा
गाऊँगा जब कभी तो याद आएगी
मेरी हर कहानी में तू चली आएगी
मैं कभी भूला ना तुझे
मैं कभी भूला ना तुझे
मैं कभी भूला ना तुझे
मैं कभी भूला ना तुझे
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