Lyrics
तुम कहो तो हम भी मुस्कुराते हैं
कहनी एक तुम्हें सुनाते हैं
यक़ीं ना आए तो ना ग़म कोई
कि खुल के आज सब बताते हैं
हमें लगा था, अब हमें कभी
ना होगा प्यार, ना ही दोस्ती
लगाया दिल, दुखाया हर दफ़ा
लगा के फिर हसीन ग़लती की
ज़माने-भर में सारे चोर हैं
फ़क़ीर ख़ुद को सब बताते हैं
ये लोग रोज़ ग़म में डूब के
ख़ुशी के गीत गुनगुनाते हैं
ज़माना छोड़ो, हम क्या ठीक हैं
ज़माने-भर में हम भी आते हैं
तुम्हारी आँखें जो भी कहती है
वही आवाज़ लब सुनाते हैं
तुम्हारी रोशनी में भीग के
हमारे ग़म भी मुस्कुरा... (मुस्कुराते हैं)
सज़ा-ए-बेगुनाह की जगह
वफ़ा पे गीत लिखना चाहते हैं
कि सीने में दफ़न है किरिच जो
उभर के फूल होना चाहते हैं
कि आज फ़िर सँवरना चाहते हैं
ये बाल फ़िर बिगड़ना चाहते हैं
कि दिल को आ गए हो रास तुम
ये तुमको आज हम बताते हैं
Writer(s): Dream Note
Lyrics powered by www.musixmatch.com