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(ॐ ऐं ऐं ऐं ह्रीं ह्रीं ह्रीं सरस्वतये नमः) तू कलमकारी, चमत्कारी (ॐ ऐं) तू कलमकारी, चमत्कारी (ऐं ऐं ह्रीं ह्रीं ह्रीं) तू कलमकारी, चमत्कारी (सरस्वतये) सर्व जीव चेतना धारी (नमः) लगा अनुमान, कर विचार सहस्र वर्षों पूर्व पिछले जनम में क्या तू था वेद व्यास? Hmm, वेदों का तू वीर विधाता? इतिहास का तू निर्माता? शास्त्रों का सर्व दाता? या कहते जिसको विशिष्ट-ग्वाला? क्या पता, पिछले जनम में कौन था, कैसे करम थे संत, महात्मा, ऋषि या राजा, हर लोक का तू रखवाला तलवार वो मान स्याही, विचारों को दे रिहाई जगत श्रेष्ठ जिज्ञासा तेरी, ज्वाला सी परिभाषा तेरी तू कलमकारी, चमत्कारी तू कलमकारी, चमत्कारी तू कलमकारी, चमत्कारी सर्व जीव चेतना धारी तू कलमकारी, चमत्कारी तू कलमकारी, चमत्कारी तू कलमकारी, चमत्कारी तू ख़ुद ही ख़ुद पे है भारी श्रुति को माना, स्मृति को जाना कलम, काग़ज़, रिवाज़ को टाला ग्रंथज्ञान पे हक़ है सबका मजाल किसी की जो डाले ताला अग्नि की लपटों से लुप्त ना हो छुपाने से भी गुप्त ना हो कली के काल में ला दे क्रांति सियाही से आए विश्व-शांति अचल है तुझमें धर्म स्थाना अचल है तुझमें वेदांता अचल है तुझमें महापुराणा अचल है तुझमें हर दर्शना अचल है तुझमें विध्य स्थाना अचल है तुझमें वेदांगा अचल है तुझमें इतिहासा अचल है तुझमें हर शास्त्रा क्या पता, पिछले जनम में कौन था, कैसे करम थे संत, महात्मा, ऋषि या राजा, हर लोक का तू रखवाला चल, मान ले पिछले जनम में व्यर्थ अपने सारे करम थे बात कर अब इस घड़ी की, कौन रोके तुझे इस जनम में? तू कलमकारी, चमत्कारी तू कलमकारी, चमत्कारी तू कलमकारी, चमत्कारी सर्व जीव चेतना धारी तू कलमकारी, चमत्कारी तू कलमकारी, चमत्कारी तू कलमकारी, चमत्कारी तू ख़ुद ही ख़ुद पे है भारी ब्रह्मांड की विशाल चेतना (तू कलमकारी, चमत्कारी, तू कलमकारी, चमत्कारी, सर्व जीव चेतना धारी) इस जनम में, इस घड़ी में (तू कलमकारी, चमत्कारी...) दे रही तुझे क्या चुनौतियाँ? शुभं भवतु मंगलानि भवन्तु अभिष्टा सिद्धिर्स्तु मनो वांचा फलः सिद्धिर्स्तु शुभं भवतु मंगलानि भवन्तु अभिष्टा सिद्धिर्स्तु मनो वांचा फलः सिद्धिर्स्तु (मनो वांचा फलः सिद्धिर्स्तु) (मनो वांचा फलः सिद्धिर्स्तु) (मनो वांचा फलः सिद्धिर्स्तु) तू कलमकारी, चमत्कारी तू कलमकारी, चमत्कारी तू कलमकारी, चमत्कारी सर्व जीव चेतना धारी तू कलमकारी, चमत्कारी तू कलमकारी, चमत्कारी तू कलमकारी, चमत्कारी तू ख़ुद ही ख़ुद पे है भारी अचल है तुझमें ऋग्वेदा अचल है तुझमें सामवेदा अचल है तुझमें यजुर्वेदा अचल है तुझमें अथर्ववेदा अचल है तुझमें सम्हिता अचल है तुझमें ब्रह्माणा अचल है तुझमें अरण्यका अचल है तुझमें उपनिषद अचल है तुझमें कल्पा अचल है तुझमें छंदा अचल है तुझमें निरुक्ता अचल है तुझमें ज्योतिषा अचल है तुझमें शिवपुराण अचल है तुझमें ब्रह्मपुराण अचल है तुझमें विष्णुपुराण अचल है तुझमें गरुड़पुराण अचल है तुझमें आयुर्वेदा अचल है तुझमें धनुर्वेदा अचल है तुझमें अर्थशास्त्रा अचल है तुझमें गन्धर्ववेदा अचल है तुझमें सांख्या अचल है तुझमें योगा अचल है तुझमें मीमांसा अचल है तुझमें वैशेषिका अचल है तुझमें द्वेता (ॐ ऐं) अचल है तुझमें अद्वैत (ऐं ऐं) अचल है तुझमें विशिष्टद्वेता (ह्रीं ह्रीं) अचल है तुझमें हर वेदांता (ह्रीं) अचल है तुझमें समुद्रमंथन (सरस्वतये) अचल है तुझमें रामायण (नमः) अचल है तुझमें महाभारत (सरस्वतये) अचल है तुझमें हर इतिहास (नमः)
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