Credits
PERFORMING ARTISTS
Harass
Performer
COMPOSITION & LYRICS
Harsh Parmar
Songwriter
Lyrics
USTAAD
अनंत उस्त्र यानी ख़ास जो है पाक
सामने जिनके हर अक्स लगे ख़ाक
तू चराग़ जिसकी रौशनी हैं हम
तू है जीत में,सीख में,शराफ़त,मदद
जो है नित्य,साक्षात
सबके लिए नुसरत
गुरु तोड़े ग़ुरूर जोड़े वजूद
दे दर्स दर्शन का
ना शंका
जो है स्वयं परम ब्रह्म
या कहलो
लिखा प्यास,पढ़ा ब्यास,समझा पाणिनि
रोज़ खिल जाए वो रियाज़
फूक दे जान वो एहसास
ख़ैर
मिलता सबक जब ओझल है वक्त
ये जटिलता व्यक्त
क्योंकि कठिन था नर्क
नाप कर पाप के पैमाने
बैठा अपराध मयख़ाने मे
टकराये जाम शैतान ने भगवान से अनजाने में
छुए कई मुक़ाम
ना रुकते कभी अंजाम पर
मारी उड़ान
फिऱ वापस आजाते शाम तक
जो मर मिटने को तैयार
करता सबकुछ कुर्बान
जो केंद्र
नागेंद्र
लिखा शुद्ध अंश के साथ
किया अंकित अमन की बात
पाकर यश मिला लय का सार
हर हर्फ़ हर्षित
हर्षोउल्लास
जो करता हिम पर राज
वो उस्ताद
आप उस्ताद
उस्ताद,उस्ताद
ये सब, उस्ताद उस्ताद
कहते इनको सारे उस्ताद,उस्ताद
दत्तात्रेय
द्राँ
स्मृतिगामी
अलख निरंजन
कहता
शरीर अनेक पर (सूर्य) है एक
करती है माफ़ परोपकारी है (धरती) माँ
बाँटे प्रेरणा सीखा दे तैरना (जल)
रखूँ पवित्र प्रवृति (हवा) के समान
यहाँ (वैश्या) ने भी जाना भगवान
ना तोड़ पाया धागा मोह का (कबूतर)
फँस जाती है जाल में (मृगमाछ)
माया राख करदेती है (पतंगे) को
रखता विशाल हृदय (सागर) के समान
जीता हूँ निरभिमान बनके (आसमान)
करता मैं नमन (यम) को
झोकूँ मैं पाप रूप देता (अग्नि) का
धैर्य से बना (चंद्रमा)
(अजगर) है शहनशीलता की मिसाल
(मधु मक्खी) के पास परमार्थ
अच्छाई बाँटे (भौंरा)
वासना ले लेती (हाथी) की भी जान
बोहोत धूर्त है (कौआ)
रहता निर्दोष (नवजात)
मन की चुड़ी (कुटनेवाली) के पास
तपता उपयोगी (लुहार)
(सर्प) है काल
(मकड़ी) ना त्याग पाई अपना जाल
द्राँ
असली उस्ताद
आप उस्ताद
AL-BOMB VOL 1 OTW
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