Lyrics

रूढ़िवाद की टूटी टाँग कस्तूरी मार के दूरी नाप वसूली बाँट और ख़ूबी झाड़ नकुल का ज्ञान मजबूरी साफ देखकर दुर्गुण भागते हमें खरिहान चलाऊँ अर्जुन का बाण हर पंकि शातिर परिणाम मतलब सारथी 108 मूर्ख में भरा पड़ा आत्मविश्वास वहीं संदेह में घिरा रहता कीर्तिमान ज़िन्दगी में मिलते मसले कई फिसले नहीं, घिसते गए, हम वाकई कहता, हर तर्क मेरा करबला जो बन पड़े वो कर भला हर घाव से जिसका मन भरा वो सफ़ल रहा जो चल पड़ा माफ़ी केवल उसको जो लायक है पाप के लाठी नापके के सीधा नाग के नाक पे असली नायक ना ढापते वो लड़ते अपने आप से जहाँ सब धवस्त वहीँ खुल जाते सबके रास्ते क्योंकि ताल्लुक़ात है पाबंदी नेतागिरी मतलब नकलची मैं मछली गली का Machiavelli असली कवि फुकूँ ग्रेट कली ग्रेटेस्ट पूजूँ मैं काली, माँ काली ना सिर पे कोई ऋण ना सिखा घृणा करना बैठें शेषनाग पे मुस्कुराते लीलाधर हम सबके फादर नोट छप चुके तश्करी के हम करते ना मुख़बरी हैं रूढ़िवाद की टूटी टाँग कस्तूरी मार के दूरी नाप वसूली बाँट और ख़ूबी झाड़ नकुल का ज्ञान मजबूरी साफ देखे दुर्गुण भागते खरिहान चलाऊँ अर्जुन का बाण हर पंक्ति शातिर परिणाम यानी सारथी 108 AL-BOMB VOL 1 OTW
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